बालिका नौकरानी
लघु कथा _ बालिका नौकरानी
बबली महज बारह साल की एक गरीब लड़की थी।उसके माता पिता बेहद गरीब थे जो मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का गुजारा करते थे।बबली के चार भाई बहन और थे जो उससे छोटे थे।जिस उमर में बबली को पढ़ाई लिखाई करना था ।उन्हे खेलना कूदना था। उस उम्र में उसके माता पिता ने शहर में एक बड़े ऑफिसर के घर में नौकरानी बनाकर भेज दिया।
छोटी बच्ची काम करते करते थक जाती थी।लेकिन उसकी मालकिन उससे जानवरों से भी बदतर काम लेती थी।थोड़ी सी भी गलती होने पर वो उसकी बुरी तरह पिटाई करती थी। झाड़ू पोंछा से लेकर बर्तन धोने और बच्चो को खेलाने तक सारा काम एक छोटी जान करती थी। इटना सारा काम करने के बाद भी बबली को इसकी मालकिन नाम मात्र का खाना देती थी। जिससे धीरे धीरे वो कमजोर होती जा रही थी।
एक दिन कुछ स्वम सेवी संस्था वाले कुछ लोग उस घर में सामाजिक कार्यों हेतु चंदा मांगने आए। उस घर की मालकिन ने बबली को चाय पानी देने के लिए भेजा ।बबली तीन लोगो के लिए चाय और पानी एक ट्रे में रखकर जाने लगी लेकिन अचानक उसे चक्कर आया और वो धड़ाम से फर्श पर गिर पड़ी।गिलास और पानी फर्श पर गिर कर बिखर गया।उसके हाथ पर गर्म चाय गिरने से उसका हाथ भी जल गया।
उसकी मालकिन ने आव न देखा ताव गुस्से से पागल होते हुए उसने उसे बुरी तरह बेलन से पीटना शुरू किया ।बबली दर्द से चीखती चिल्लाती रही नगर उस पत्थर दिल औरत ने जरा भी दया नही की। नतीजन बबली बुरी तरह घायल होकर बेहोश हो गई।
संस्था वालों ने यह नजारा देखकर सकते में आ गए।
इतने बड़े सरकारी ऑफिसर के घर में इतना बड़ा जुल्म देखकर उनको बहुत बुरा लगा ।उन्होंने तुरंत पुलिस , श्रम विभाग और अस्पताल को फोन कर दिया । पहले तो कोई आने को तैयार नहीं हुआ लेकिन जब संस्था वालों ने मीडिया को खबर करने और सबके खिलाफ धरना प्रदर्शन करने की धमकी दिया तो मजबूरन सब लोग भागे भागे आए।श्रम विभाग ने बाल मजदूरी कानून के तहत चौदह साल के नीचे की उम्र की लड़की से बाल मजदूरी करवाने और उसपर शारीरिक शोषण करने के खिलाफ उस ऑफिसर और उसकी पत्नी दोनो के खिलाफ केस दर्ज किया ।पुलिस ने उस औरत को गिरफ्तार कर लिया।अस्पताल वालो ने तुरंत बबली को प्रार्थमिक उपचार कर उसे बेहतर इलाज हेतु अस्पताल ले गए।
उस ऑफिसर के ऑफिस भी पुलिस और श्रम विभाग के अधिकारी पहुंच गए उनको भी गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बबली के माता पिता को बुलाकर उनको काफी डांटा और कहा अगर दुबारा अपनी बेटी को मजदूरी कराने भेजा तो तुम दोनो को भी जेल भेज दिया जाएगा।
संस्था वालों ने बबली का इलाज कराकर सरकारी आवासीय बालिका विद्यालय में एडमिडन करा दिया जहां उसे निशुल्क शिक्षा, आवास, भोजन , वस्त्र और किताब कॉपी मिलने लगा था।
अस्पताल ने बबली का मेडिकल रिपोर्ट तैयार कर श्रम विभाग और संस्था वालों को दे दिया जिसमे बबली की उम्र बारह वर्ष थी।इससे उसके मालिक और मालकिन के खिलाफ पुख्ता सबूत मिल गया था।पुलिस ने बबली का बयान भी दर्ज कर लिया जिसमे उसमे अपने ऊपर हो रहे अत्याचार और मजदूरी के बारे में सबकुछ बता दिया था।
श्रम विभाग ने उस ऑफिसर से कहा आपको इतना बड़ा ऑफिसर होकर भी बाल मजदूरी नहीं कराना चाहिए था।
आपकी यही सजा है जब लड़की बालिग हो जाए आप उसकी शादी का पूरा खर्चा उठाएंगे।
ऑफिसर ने मान लिया और कहा अब मैं हर गरीब लड़के लड़कियो की मदद बाल मजदूरी कराके नही बल्कि उनकी शिक्षा दिलाने और पालन पोषण कराने में उनकी मदद करूंगा।
लेखक_ श्याम कुंवर भारती
बोकारो झारखंड
Mohammed urooj khan
21-Oct-2023 12:06 PM
👌🏾👌🏾👌🏾
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Gunjan Kamal
21-Oct-2023 08:41 AM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Punam verma
21-Oct-2023 08:08 AM
Nice👍
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